जब पूर्वांचल विश्विद्यालय के लिए दान कर दिया था लगभग 800 बीघा ज़मीन । जानिए कौन है वो

प्राचीनकालीन ऋषि यमदग्नि की तपोस्थली मुग़ल कालीन युग की प्रसिद्ध शिक्षास्थली जिसे शीराज़-ए-हिन्द जौनपुर के नाम से जाना जाता है । अपनी गंगाजमुनी तहज़ीब और भाईचारे के लिए विख्यात साथ ही राजनीतिक से लेकर बाहुबली माफियाओं का ज़िला जौनपुर । जनपद जौनपुर मुख्यालय के उत्तर में सुप्रसिद्ध माधोपट्टी गाँव जहाँ हर घर आला अधिकारी बस्ते है तो उत्तर में बसता है ज़िला जौनपुर का दिल जिसे जौनपुर रत्न कहा जाता है और वो है यहाँ पूर्वांचल विश्विद्यालय । पूर्वांचल विश्विद्यालय की स्थापना की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है जौनपुर को पूर्वांचल विश्विद्यालय कब कैसे मिला और किसकी भूमिका थी इसे दिलाने में आइये आपको बताते हैं । बात तक़रीबन दो दशक पहले की है तक़रीबन 1985-86 का दौर रहा होगा उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव पारित हुआ पर स्थान चिन्हित नही किया गया । मऊ, ग़ाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, गोरखपुर, बलिया,वाराणसी, मुगलसराय, जौनपुर ,आज़मगढ़ इत्यादि ज़िलों का एक शिक्षण केंद्र बनने जा रहा था अब समस्या थी भूमि चिन्हित करने की जहाँ इसे स्थापित किया जा सके । उस समय मऊ से ...