हुज़ूर स.अ.व.व की आमद मरहबा। हयात ए रसूल जो मुसलमान गए भूल

पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्म्द स०अ० पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्म स०अ० बिन अब्दुल्लाह अज़ीमतरीन पैग़म्बर और रसूल हैं, आप स०अ० ख़ातिमुल मुरसलीन भी हैं। आप • स०अ० के बाद कोई भी नबी नहीं आयेगा। आप स०अ० का सिलसिला तीन वास्तों के साथ हज़रते इब्राहीम अ०स० तक जा पहुंचता है। पैग़म्बरे इस्लाम अ०स० का इस्में मुबारक मोहम्मद स०अ० हैं। यह नाम कुरआन में चार मर्तबा ज़िक्र हुआ है, आप स०अ० का दूसरा नाम अहमद है जोकि कुरआन में एक मर्तबा आया है लेकिन आँ हजरत स0अ0 के अलकाबात नबी, रसूल, बशीर, नज़ीर, खातिमुन्नबीन वगैरह कुरआन में दसियों मर्तबा ज़िक्र हुए हैं। आँ हज़रत स०अ० ने 63 बरस उम्र पायी। अपनी उम्र के आखिरी साल में अट्ठारह जिल हिज्जा को मैदाने खुम ग़दीर में एक लाख से ज़ायद मुसलमानों के सामने अपने बाद हज़रत अली अ०स० को अपना ख़लीफ और जानशीन मुकर्रर किया और बहुत से दीगर मवाकेअ पर उनकी विलायत व वेसायत का सराहत से एलान किया। आपकी विलादत कुछ रवायत के मुताबिक़ 12 रबीउल अव्वल और कुछ रवायत के मुताबिक़ 17 रबीउल अव्वल 570 ई बताई गई है। इसीलिए उलमाए कराम ने 12 रबीउल अव्वल से 17 रबीउल को हफ़्ता ए वहदत मनाने के लिए...