परीक्षा में बैठने से पहले ही आप फेल होजायेंगे अगर ऐसा करेंगे

एक ज़माना था जब पढ़ाई होती थी अब का ज़माना है बस लड़ाई होती है । लड़ाई किस बात की नौकरी को हासिल करने की ,कभी संस्था से तो कभी कोर्ट से । नगीने मिलते थे नौकरी में अब सफीने मिलते हैं । नौकरी में पहले इतनी प्रतिस्पर्धा नही थी ना ही आज की तरह इतनी आधुनिकता और सुविधा फिर भी लोग बड़ी से बड़ी परीक्षा को पास कर लेते थे । तब हमारे बस संसाधन कम था ज्ञान अधिक था अब संसाधनों की कमी नही है ना ज्ञान और प्रतिभा की फिर भी हम फिसड्डी होते जा रहे हैं । सरकारी नौकरी के नाम पर गला काट प्रतिस्पर्धा में हम साम दाम दंड भेद सब कुछ लगा देना चाहते हैं , बस इसीलिए की एक सुविधाजनक नौकरी मिल जाएगी आराम से हर महीने पैसा आता रहेगा । या आईएएस आईपीएस बन कर अपनी मान प्रतिष्ठा को बढ़ा कर ज़माने पर रोब झाड़ा जायेगा । पहले सभी कहते थे बीए कर लो आगे चल कर आईएएस बन जाओगे अब तो बीए, बीएससी,बीकॉम बेकाम होगया है । आज आईएएस आईपीएस सबसे ज़्यादा टेक्निकल पृष्टभूमि वाले ,डॉक्टर इंजीनियर या किसी सम्मानित पद पर विराजमान व्यक्ति ही बन रहे हैं । दाल में नमक के बराबर एकेडमिक पृष्ठभूमि वाले परीक्षार्थियों का ही चयन होरहा है। सरकार भी ...