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Showing posts from February, 2021

परीक्षा में बैठने से पहले ही आप फेल होजायेंगे अगर ऐसा करेंगे

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एक ज़माना था जब पढ़ाई होती थी अब का ज़माना है बस लड़ाई होती है । लड़ाई किस बात की नौकरी को हासिल करने की ,कभी संस्था से तो कभी कोर्ट से । नगीने मिलते थे नौकरी में अब सफीने मिलते हैं । नौकरी में पहले इतनी प्रतिस्पर्धा नही थी ना ही आज की तरह इतनी आधुनिकता और सुविधा फिर भी लोग बड़ी से बड़ी परीक्षा को पास कर लेते थे । तब हमारे बस संसाधन कम था ज्ञान अधिक था अब संसाधनों की कमी नही है ना ज्ञान और प्रतिभा की फिर भी हम फिसड्डी होते जा रहे हैं । सरकारी नौकरी के नाम पर गला काट प्रतिस्पर्धा में हम साम दाम दंड भेद सब कुछ लगा देना चाहते हैं , बस इसीलिए की एक सुविधाजनक नौकरी मिल जाएगी आराम से हर महीने पैसा आता रहेगा । या आईएएस आईपीएस बन कर अपनी मान प्रतिष्ठा को बढ़ा कर ज़माने पर रोब झाड़ा जायेगा । पहले सभी कहते थे बीए कर लो आगे चल कर आईएएस बन जाओगे अब तो बीए, बीएससी,बीकॉम बेकाम होगया है । आज आईएएस आईपीएस सबसे ज़्यादा टेक्निकल पृष्टभूमि वाले ,डॉक्टर इंजीनियर या किसी सम्मानित पद पर विराजमान व्यक्ति ही बन रहे हैं । दाल में नमक के बराबर एकेडमिक पृष्ठभूमि वाले परीक्षार्थियों का ही चयन होरहा है। सरकार भी ...

अल्लाह ने पहले ज़िन्दगी बनाई या मौत ? ज़िन्दगी सख़्त होती है या मौत ?

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क़ुरआन एक किताब नही एक पूरी क़ायनात है उसे समझने की ज़रूरत है पढ़ने की नही क्योंकि क़ुरआन का मायने ही पढ़ा हुआ है । क़ुरआन समझने के लिए आई है ताकि आप अपनी तक़लीफ़ों का हल इससे निकाल सकें । क़ुरआन की हर सूरह हमारी ज़िन्दगी से होकर गुज़रती है ज़रूरत है उसको समझने की पस अगर आपके दिल और नीयत पाक़ है तो आपको क़ुरआन और उसके लफ़्ज़ समझ आयेंगे वरना आपको बस एक अरबी क़िताब लगेगी । क़ुरआन ने कैसे हमारी ज़िन्दगी के हर मरहले को पहले ही बता दिया हमने कभी ग़ौर ही नही किया । सबसे पहले ग़ौर करते हैं क़ुरआन के दिल (सूरह यासीन) पर जिसका तर्जुमा कुछ इस तरह है *और हम जिस शख़्स को बहुत ज़्यादा उम्र देते है तो उसे खलक़त के उलट कर फिर बच्चों की तरह मजबूर कर देते हैं तो क्या वो लोग समझते नही*। इस आयत पर अगर ग़ौर करें तो तो बहुत सारे सवाल के जवाब आपको मिल जायेंगे बुजुर्गों का बीमार होना, बच्चों की तरह ज़िद्द करना पेशाब पैखाना बिस्तर पर कर देना जैसे बच्चे पैदा होते हैं मजबूर होते हैं वैसे ही उम्र ज़्यादा होने पर इंसान फिर से मजबूर होता है और ये क़ुदरत का नियम है जिसे अल्लाह ने क़ुरआन मे पहले ही बता दिया है । बुजुर्गों का इस उम्र म...