श्री दहशत और जनाबे तबाही की एक ख़ास गुफ़्तगू

बमरोधी दस्ता जैसे सूट बूट चार पाँच लोगों को अपनी तरफ आते देख कोने में पड़ा बम मुस्कुराने लगा मन ही मन सोचने लगा भौकाल टाइट है गुरु अपनी । हैं ये क्या ये साले किधर जा रहे हैं बम बुदबुदाते हुआ झुँझलाहट से कहने लगा अबे दहशत इधर पड़ी है तुम लोग किधर जा रहे हो। तभी देखा वो बमरोधी दस्ते जैसे दिखने वाले लोग किसी व्यक्ति को जल्दी से लेकर अंदर कमरे में लेकर भागते हैं उसके साथ ही अगल बगल मुँह पर चड्ढी पहने लोगों में भगदड़ मच जाती है हटो बचो भागो ये कोरोना पॉजिटिव मरीज़ है। बम डिफ्यूज़ से पहले कंफ्यूज़ ये क्या बलाह आगयी है बे मार्केट में। ये सोच ही रहा था कि उसके कान में एक अदृश्य आवाज़ सुनाई दी अरे बमवा सुन बे । बम सकपकाते हुवे कौन है बे किसकी इतनी हिम्मत हुई कि आतंक का दूसरा नाम बम वाले दहशत भाई को बे बोल रहा है । तभी सार्स 2 कोविड 19 कोरोना वायरस ने कहा ओह भूतनी मालूम है मालूम है चल अपने बाप को मत सीखा। रही होगी तेरी दहशत कभी पर 2019 से अपुन ही भगवान है दहशत का दूसरा नाम है तेरे नाम से लोगों की पैंट गीली होती है पर मेरे नाम से गला ना गीला होजाये इसीलिए सुसरे मुँह पर भी चड्ढी पहनने लगे हैं...