हर काम में "इंशाअल्लाह" ज़रूर कहें। नामुमकिन को मुमकिन करता है इंशाअल्लाह

भाई ये काम कर देना आज "इंशाअल्लाह" कर देंगे, यार कल सुबह कॉलेज चलना है "इंशाअल्लाह" चलेंगे। बस हम अब कॉलेज के अंदर दाख़िल होने वाले हैं, "इंशाअल्लाह" दाख़िल हो जाएंगे। मेरी शादी होने वाली है "इंशाअल्लाह"। यार ये तू हर बात मे इंशाअल्लाह क्यों कहता है ? क्या होजाता है इंशाअल्लाह कहने से ? बात बात पर इंशाअल्लाह कहता रहता है, अरे भाई ये सब हम लोगों ने बस में है फिर इंशाअल्लाह बात बात पर क्यों कहता है ? कॉलेज जाना हो, इंशाअल्लाह, सोने जाना हो, इंशाअल्लाह, शादी करना हो इंशाअल्लाह, कुछ सोचता हूँ तो इंशाअल्लाह। अरे भाई इतना इंशाअल्लाह मत कहा कर क्या होजाएगा अगर तू इंशाअल्लाह नही कहेगा आफ़त नही टूट पड़ेगी तुझपर। साहिल : क्या तुम जानते हो ये एक लफ़्ज़ कितना ज़्यादा पॉवरफुल है ? क्या तुम्हें पता है इस एक लफ़्ज़ से जनाबे सुलेमान की हसरत पर पानी फिर गया था ? क्या तुम्हें पता है बनी इसराइल के मग़रूर और मोमिन भाई का वाक़्या ? इंशाअल्लाह वो लफ़्ज़ है जो ख़ुदा की ज़ात को हर काम मे शामिल करता है बिना ख़ुदा के एक पत्ता भी नही हिल सकता। चार शख़्स ऐसे गुज़रे जिनकी हुकूमत प...