ज़िंदगी बचाने वाले मेरी दुनिया उझाड़ गए

रात को लेटता था तो सूरह सीखाते थे नमाज़ के एहकाम बताते थे दीन की बातें बताते थे इतना सिखाया की सब सीख गया ,अब तुम्हे नमाज़ सीखना है नमाज़ पढ़ना है । हर अच्छी बातें सिखाई बुराई से हमेशा रोका ,मेरी इबादत की इब्तेदा हो चुकी थी जिस तरह चिड़िया अपने बच्चे को दाना चुगाती है मेरे नाना ने दीनी और दुनियावी ईल्म को सीखाया । बचपन से ही मुझे गोद लेकर अपने बेटे की तरह पाला पैसे से लेकर मेरी हर छोटी बड़ी ज़रूरत को पूरा किया । पढ़ाया लिखाया । जो चाहा वो दिलाया । आज भी गिरता था तो आप आकर हाथ थाम लेते थे । परेशान होता था तो कहते थे क्यों परेशान हो अभी हम ज़िन्दा है ना । बीमार पड़ता था रात रात भर जाग के मेरी देखभाल करते थे । एक बाप की तरह मेरे साया बने रहे । नौकरी से लेकर रिटायरमेंट तक कभी गिरने नही दिया और आज ऐसे वक़्त छोड़ के चले गए जब सबसे ज़्यादा आपकी ज़रूरत थी । जब दुनिया की मुश्किलात से लड़ते लड़ते हारने लगा जब आपके सहारे आपके साथ कि ज़रूरत थी तब छोड़ दिया । अब कौन मेरी मदद करेगा कौन कहेगा जो करना हो करो हम है पैसे की फ़िक़्र मत करना । घर के अकेले हो इतना मज़बूत बनो की कोई तुम्हें गिरा ना सके । मेरा बाज़ू थे आप मेरी उम्मीद मेरा हौसला थे आप । यक़ीन नही होता आपने मुझे अकेला छोड़ दिया । बचपन का साथ इस तरह छोड़ दिया । घुट घुट के मरता रहूँगा हर रोज़ । नाना ये सदमा कैसे बर्दाश्त करूँ समझ में नही आता । मेरी रग रग में आप बसे हो । मेरी हर नेकी हर ईबादत में आप बसे हो । लव यू चच्चा नाना । माँ ने जन्म दिया बाप ने दुलार किया और आपने मुझे इतना बड़ा किया । कब का मर गया होता अगर आप ना होते । बहुत अकेला होगया हूँ आपके जाने से । पापा से ज़्यादा आपको चाहता हूँ मानता हूँ जो बात किसी से नही कह पता वो आपसे कहता था हर दुख हर तक़लीफ़ में आपका मोजिज़ा पाता था । अब कौन दिखाएगा वो मोजिज़ा जब मैं टूट जाऊँगा, अकेला पड़ जाऊँगा । कौन कहेगा हम है ना फ़िक़्र ना करो । नाना लौट आओ ना होसके तो हम टूट जायेंगे आपके बिना । दिल में ग़मो का पहाड़ है हर कही-अनकही बातों को कौन समझेगा अब । बहुत अकेला होगया हूँ आज फिर से अभग्या होगया हूँ आज । 
नही रहे इमामबाड़ा पोस्ती खाना (ख़्वाजा दोस्त) जौनपुर के मुतवल्ली मेरे नाना सोज़ख्वां मोहम्मद हसन ज़ैदी उर्फ बाबू मास्टर ।

एक सूरह फातेहा मेरे नाना मरहूम । मोहम्मद हसन ज़ैदी इब्ने ज़ैनुलआब्दीन हुसैन को पढ़ के बख़्श दे 🙏

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