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Showing posts from September, 2021

क़दीम, कसीर, हीन,मुद्दत,ज़माना क्या है। वो बातें जो हमे नही बताई गई पार्ट-2

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आज जो इस्लाम का चेहरा दुनिया को दिखाया जा रहा है इस्लाम बिल्कुल उसके उलट था पर आज के जाहिल मुसलमानों ने उस इस्लाम का हुलिया बिगाड़ दिया। इसी दिन के लिए रसूल ए ख़ुदा (सअ) ने फ़रमाया था मैं तुम्हारे दरम्यान दो ज़िलाक़द्र चीज़े छोड़े जा रहा हूँ अगर इससे जुड़े रहोगे तो कभी रुस्वा और ज़लील नही होंगे। एक क़ुरआन और दूसरी अहलेबैत अलैहिस्सलाम। पर अफ़सोस ना आज का मुसलमान क़ुरआन को समझ सका ना अहलेबैत को। जिस यूरोप में आज वैज्ञानिकों की भरमार है कभी आप ने सोचा है कि सत्तरहवी शताब्दी से पहले तक कोई वैज्ञानिक क्यों नही हुआ ? छठी शताब्दी से लेकर तेरहवीं शताब्दी तक इस्लाम का गोल्डन पीरियड था उस वक़्त दानिशवरों की फौज खड़ी होगयी थी जिसमे फ़ादर ऑफ केमेस्ट्री जाबिर इब्ने हय्यान (जिसे यूरोप में जबर या जेब के नाम से जाना जाता है) अल किन्दी, फादर ऑफ मेडिसिन अबू अली सेना (अविसिन्ना) सर्जरी के मास्टर अल जवाहिरी, अलजेब्रा का ईजादकर्ता अल-ख़्वारिज़्मी, उमर ख़य्याम, फ़ादर ऑफ ऑप्टिक्स इब्ने अल हैथम (अलहज़ेन), इस्हाक़ बिन अली, जाफ़र मोहम्मद इब्ने मूसा, नसरुद्दीन तूसी, कुतुबुद्दीन अल शीराज़ी ने इंद्रधनुष बनने की सही वजह दुनिय...

क़ुरआन मज़हबी क़िताब नही छुपा हुआ ख़ज़ाना है। वो बातें जो नही बताई गयी

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आज इस्लाम की मुसलमान की क्या सूरत बना दी है इन कठ मुल्लो,ख़ातिबो और ज़ाकिरो ने।जिस क़ुरआन को वैश्विक, दुनिया वालों के लिए एक नज़ीर बना कर भेजा गया था उसे मज़हबी क़िताब तक समेत दिया। क़ुरआन के अस्सी प्रतिशत पहलू को छुपा कर बीस प्रतिशत उस पहलू को ज़माने के लिए पेश किया जिससे उनकी रोज़ी रोटी चल सके। इंसानी की रहनुमाई वाली क़ुरआन को मुर्दो की मग़फ़िरत की क़ुरआन बना दिया।  हदीस है इल्म तुम्हारी मीरास है उसे हासिल करो , अल्लाह क़ुरआन मे फरमाता है, इस क़िताब में दुनिया की हर ख़ुश्क ओ तर चीज़ों का ज़िक्र है। मौला अली ने नहजुल बलाग़ा में फ़रमाया: हिकमत की बात जहां कहीं हो, उसे हासिल करो क्योंकि हिकमत मुनाफ़िक़ के सीने में भी होती है, लेकिन जब तक उससे निकल कर मोमीन के सीने में पहुँच कर दूसरी हिकमतो के साथ बहल नही जाती तड़पती रहती है। हिकमत मोमीन की ही गुमशुदा चीज़ है उसे हासिल करो चाहे मुनाफ़िक़ से लेना पड़े। जो लोग अपनी दुनिया संवारने के लिए दीन से हाथ उठा लेते हैं, यो ख़ुदा उस दुनियावी फ़ायदे से कहीं ज़्यादा उनके लिए नुक़सान की सूरते पैदा कर देता है। बहुत से से पढ़े लिखे को दीन से बेख़बरी तबाह कर देती और जो इल...