तो इस तरह करते हैं माँ बाप अपने बच्चों का घर बर्बाद
विशाल के घर जाते ही अकरम ने विशाल की हाल चाल पूछी! सालों बाद अमेरिका से आए अपने जिगरी दोस्त को देख कर भी जब विशाल ने कोई प्रतिक्रिया नही दी तो अकरम ने पूछ ही लिया। विशाल सब ख़ैरियत है ना ? विशाल कुछ कहे बिना रोने लगा और रोने और रोते रोते कहने लगा यार अदिति ने भाग के ग़ैर बिरादरी में शादी करने की ज़िद कर रही है कह रही है शादी करेंगे तो उसी लड़के से करेंगे वरना अपनी जान दे देंगे।
विशाल की बात सुनकर अकरम सन्न रह गया! उसने पूछा अदिति कहाँ है ? वो अपने रूम में होगी तू उसे समझा यार वरना मेरी समाज में क्या इज़्ज़त रह जाएगी। अकरम अदिति के पास जाता है अदिति अकरम को देख कर सलाम करती है, आप अमेरिका से कब आए अकरम चाचा ? बस बेटा आज ही आया और आते ही विशाल से मिलने चला आया पर यहाँ तो सब उल्टा पुल्टा है ये क्या सुन रहा हूँ बेटा क्या ये सच है ? हाँ चाचा ये सच है! पर बेटा क्यों? तुम्हारे घर खानदान में नाते रिश्तेदार में इतने अच्छे अच्छे लड़के हैं फिर ग़ैर बिरादरी में शादी क्यों कर रही हो ? लड़के! कौन से लड़के कैसे लड़के मम्मी के पास बैठो तो पापा के ख़ानदान की बुराई पापा के पास बैठो तो मम्मी की ख़ानदान की बुराई जब पूरा ख़ानदान बुरा है तो हम शादी कहां करें ? मम्मी ने बचपन से इतनी सबकी बुराई करी की मुझे सारा अपना समाज अपने लोग बुरे लगने लगे फिर हम कहा जाते। अदिति की बात अकरम के दिल पर लग गयी वो सोचने लगा हम भी तो ज़ोया के सामने यही सब बातें करते हैं कही ज़ोया भी... नही नही बिल्कुल नही आज से सब अच्छे हैं कोई बुरा नही है। ज़ोया को कॉल किया और कहा बेटा वो जो सुहैल अंकल है हमारे दूर के रिश्तेदार उनके साथ तुम्हारी शादी फिक्स कफ देते हैं अच्छे लोग हैं और तुम्हे पसंद भी है। पर पापा आपने तो उनकी हमेशा बुराई की आज अचानक अच्छे कैसे होगए, अरे बेटा वो अच्छे ही लोग है बस हमारी आपसी थोड़ी खुन्नस थी पर आज एहसास होरहा है उनसे अच्छा ससुराल तुम्हे नही मिलेगा। ज़ोया ख़ुश होगयी इधर अदिति को भी समझा बुझा कर अपनी बिरादरी में शादी करने के लिए अकरम ने बना लिया था विशाल अकरम सभी ख़ुश।
याद रखें बेटी पराया धन होती है उसे बचपन से ही ससुराल की घर परिवार की ज़िम्मेदारियों के बारे में बताए अच्छी बातें बताएं।
अगर आप बेटी बेटे को बैठा कर घर ख़ानदान एक दूसरे की बुराई करेंगे चुग़ली करेंगे तो बच्चे यही समझेंगे ये बुरे है ये ग़लत है। जब माँ-बाप एक दूसरे के घर ख़ानदान की बुराई करेंगे तो बच्चे शादी अपनी मर्ज़ी से करेंगे।
जब बच्चों को तहज़ीब ओ तमीज़ अपने पराए से इंसानियत स ज़्यादा पैसे की अहमियत बतायेंगे तो वो शादी के बाद रिश्तों को नही पैसे को अहमियत देगी।
आज कल बच्चें अपनी मर्ज़ी से शादी क्यों करते हैं ? बस इसी वजह से की आपने बचपन से ही उन्हें ग़ीबत सिखाई घर के काम घर की ज़िम्मेदारी नही।
पढ़ाई ज़रूरी है पर ज़रूरी नही पढ़ी लिखी लड़की ही घर को संभाले। आप पढ़ी लिखी लड़की तलाश करते हैं तहज़ीब ओ तमीज़ वाली नही जबकि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने इस मसले पर पहले बताया है जाहिल वो नही जिसने इल्म हासिल नही किया जाहिल वो है जिसमे अदब ओ तहज़ीब ना हो। पढ़ी लिखी लड़की लायेंगे फिर उससे उम्मीद करेंगे वो घर के काम करे बच्चें संभाले तो वो आपको सीधा जवाब देगी पढ़ाई इस दिन के लिए नही की है।
जिन लड़को को खूबसूरत लड़की की तलाश रहती है उनकी शादी शुदा ज़िन्दगी साल दो साल जब तक ख़ूबसूरती बरक़रार रहती है बहुत हँसी ख़ुशी स गुज़रती है जहां ख़ूबसूरती जाने लगती है वो या तो बाहर मुँह मारने लगता है या उसका लगाव कम होने लगता है। शादी की वैल्यू को समझे ये पैसे और खूबसूरती से नही आपसी समझ और मोहब्बत से आगे बढ़ती है। अपने बच्चों को ख़ासकर लड़कियों को बराए मेहरबानी ऐसी बात ना बताए वो राज़ ना बताए जो ख़ानदान में दरार डाले। मायके ससुराल के लोगों की बुराई बच्चों के सामने ना करें अगर वो कहे कि बुआ मौसी फूफू खाला ग़लत है तो उन्हें समझाए नही ऐसा नही है। दिल में ज़हर नही मोहब्बत घोले फिर ना लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद होगी ना लड़के की वो अपनी शादी शुदा ज़िन्दगी में बहुत ख़ुश रहेंगे और उन्हें आपका फैसला सबसे प्यारा लगेगा अपने हक़ में।
लड़का पढ़ा लिखा से ज़्यादा परिवार का पेट भरने वाला देखे वरना मैंने बहुत सारे डिग्री वालों को परिवार से मुँह मोड़ता देखा है क्योंकि उन्हें काम छोटा लगता है वो कहते हैं अरे हमने बीटेक, एमबीए बीएड किया है भला ये काम करेंगे हमारी तौहीन होगी। जबकि एक मेहनती लड़का होगा तो वो कोई भी काम करके अपने परिवार का पेट भर सकता है पारिवारिक ज़रूरतों को पूरा कर सकता हैं। डिग्री काम नही आएगी मेहनत और मोहब्बत ही काम आएगी।
Best
ReplyDeleteNice
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