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Showing posts from March, 2022

सैय्यद की कास्ट नही शादियों का टेलिकास्ट होगया है इसके बिना शादी नही होगी!

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अल्लाह ने क़ुरआन में बस लफ़्ज़े मुस्लमीन से हमारी रहनुमाई की है, ना कि शिया-सुन्नी से। ये तो हमने ज़माने में आने के बाद बना लिया उसी तरह सैय्यद,  ग़ैर-सैय्यद का भी शरीयत में कोई हुक़्म नही है ये हमने ख़ुद से बना लिया है। ना क़ुरआन से कोई इसकी दलील है ना हदीस से, ये सैय्यद ग़ैर सैय्यद का फ़र्क़ इंसानों का बनाया हुआ है। आज कल ये चलन बहुत ज़्यादा बढ़ गया है सैय्यद; ग़ैर-सैय्यद का लोग शादियां नही करते हैं। ऊँच नीच का फ़र्क़ हो गया है, ऐसा लगता है ग़ैर-सैय्यद अछूत हैं, उनसे शादी करने से किसी रोग में मुब्तिला हो सकते हैं।  जबकि इस्लाम में शादी का हुक़्म है, सैय्यद ग़ैर-सैय्यद का बिल्कुल नहीं। ये ज़माने ने सैय्यद ग़ैर-सैय्यद बना दिया है जिसका इस्लाम और शरीयत से कुछ लेना देना नही है। सैय्यद कौन होते हैं और कैसे होते हैं ? ये बहस, बहुत आम है कि सैय्यद मौला अली अलैहिस्सलाम की नस्ल से हैं। सैय्यद किसे कहते हैं और क्यों कहते हैं! अरब में बहुत सारे क़ाबिले थे उसमे से एक क़बीला था *क़ुरैश*  क़ुरैश के क़बीले का ताल्लुक़ रसूलल्लाह (स.अ.व.) से है, इसी क़बीले से जनाबे अब्दे मनाफ़ के बेटे, और उनके बेटे अबू...

मोहम्मद मुज़म्मिल ने किया "Impossible" को Pass-Able

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इम्पॉसिबल कुछ भी नही  कहते हैं इज़्ज़त दौलत और शौहर सौतन की तरह होती है एक आती है दूसरी रूठ जाती है पर मोहम्मद मुज़म्मिल ने इस इम्पॉसिबल को भी पॉसिबल बना दिया। कम उम्र में अगर इज़्ज़त शोहरत और दौलत तीनो प्राप्त होजाए तो लोगों के क़दम डगमगा जाते हैं परंतु मोहम्मद मुज़म्मिल ने इस इम्पॉसिबल को भी पॉसिबल बना दिया। जनपद जौनपुर के थाना कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद मुज़म्मिल किसी परिचय के मोहताज नही है ये युवाओं का अटूट भरोसा और हौसलों की जान है।  शहर की मशहूर कोचिंग न्यू लाइट के शिक्षक साथ ही विभिन्न स्कूल-कॉलेज के अतिथि प्रवक्ता मोहम्मद मुज़म्मिल ने कम उम्र में अपनी मेहनत और क़ाबिलियत से अलग पहचान बना ली है। जौनपुर  में कॉमर्स के जाने माने शिक्षकों में इनकी गिनती होती है साथ ही ये मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं जो विभिन्न कार्यक्रमों में युवाओं को अभिप्रेरित करते हैं उनके अंदर हौसला भरते हैं लंबी उड़ान का। मोहम्मद मुज़म्मिल ने इज़्ज़त दौलत और शोहरत सभी कमाया है पर उनला कथन है ज्ञान शेयर करो लोगों की केअर करो इसी वक्तव्य को चरितार्थ करते हुवे  एक कल्याण संस्थान की स्थापना क...

दो ससुर नौ चचेरे ससुर का एकलौता दामाद, पचास लाख साली साले का अकेला जीजा जाने कौन है

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चलिए आज आपको सैर करवाते हैं ज़िला जौनपुर के इकलौते दामाद की। दो ससुर और नौ चचेरे ससुर पचास लाख से ज़्यादा साली साले के अकेले जौनपुरिया लल्लनटॉप जीजा की। नौ विधानसभा के ससुरों का अकेला ऐसा दामाद जहां ससुर का कभी आगमन नही होता। दामाद अकेला साली साले से लेकर उनके नाते रिश्तेदार तक को रेलमपेल चूतिया बना रहा है पर मजाल है इस दामाद की तरफ कोई आँख उठा कर देख ले। दामाद के पास कागज़ी किसी चीज़ की कमी नही है इतना सुविधा सम्पन्न दामाद है जिसकी सुविधाओं को देखने के लिए मिस्टर इंडिया वाला चश्मा लगाना पड़ता है। सुविधा तो ऐसी ऐसी है कि मुर्दे को ज़िन्दा कर दिया जाता है। हम बात कर रहे हैं दामाद ए आला लखनऊ वालों का साला आली जनाब ईज़्ज़त मआब जौनपुर ज़िला अस्पताल की जहां ईलाज के नाम पर खानापूर्ति अस्पताल के तरकश में बस पंद्रह अस्त्र रूपी दवाएं हैं कोई भी ऐसा भी मरीज़ आजाए ये पंद्रह दवाएं उसे यूं दी जाती है जैसे कांग्रेस वालों को टिकट दिया जाता है ले भाई तू भी ले ले। साठ प्रकार की मुफ्त जाँच करने के लिए  करोड़ो की मशीन लगी है पर केवल  काग़ज़ों पर उसकी जाँच होरही है। ज़िला अस्पताल में गंदगी के साथ ग...