बीबी को अपनाराज़ मत बताओ,सरकारी नौकर से दोस्ती मत करो,नए अमीर से क़र्ज़ मत लो
हज़रत लुक़मान अलैहिस्सलाम जिन्हें हक़ीम लुक़मान भी कहते हैं। अपने बेटे से तीन अहम नसीहतें की और फ़रमाया इसे अपने दिलों दिमाग़ में बैठा लो।
1 अपना राज़ अपनी बीवी को मत बताओ
2 अवान (हुक्मरानों के दफ़्तरियो ,सरकारी नौकर) से दोस्ती मत करो।
3 नए और कम ज़र्फ़ दौलतमंद से क़र्ज़ मत लो।
जनाबे लुक़मान जब दुनिया से रुख़्सत होगए, उनके बेटे ने ये नसीहतें आज़मानी चाही।
एक दिन उसने एक जानवर को ज़िब्ह किया उसे एक बोरी मे डाला उसका मुँह बंद कुया और लाकर अपने कमरे में बेड के नीचे दफ़्न कर दिया और अपनी बीवी से फ़रमाया, ख़बरदार किसी को कानो कान ख़बर ना हो मैंने एक अपने दुश्मन को क़त्ल करके इसी कमरे में बेड के नीचे दफ़ना दिया है।
अपने बग़ल में रहने वाले एक लड़के से दोस्ती कर ली जो बादशाह के दरबार में सरकारी मुलाज़िम था। उसके यहां आने जाने लगा और बहुत गहरी दोस्ती होगयी एक दूसरे पर दोनी जान निसार करते थे।
उसी मोहल्ले में एक नौजवान रहता था जिसका कोई ख़ानदानी अता पता नही था उसने ख़ूब माल दौलत मेहनत मशक्क़त करके इकट्ठा कर रखी थी।
एक दिन बीवी से झगड़ा हुआ, बीवी ने गुस्से में रोना धोना शुरू कर दिया और मोहल्ले वालों को इकट्ठा करके ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी ऐ बदकार क़ातिल जिसने एक बेगुनाह का क़त्ल कर दिया और उसे इसी कमरे में बेड के नीचे दफ़्न कर दिया है। उसकी ये बाद वो दोस्त भी सुन रहा था जो बादशाह के दरबार में नौकरी करता था। बादशाह का हुक़्म था उसके राज्य में किसी पे बेवजह ज़ुल्म ना हो ना किसी का हक़ मारा जाए। उसे लगा ये एक अच्छा मौक़ा है बादशाह की चापलूसी करने का और उसकी तवज्जों हासिल करने का बस वो शख़्स गया और जनाबे लुक़मान के बेटे को गिरेबां पकड़ कर गाली गलौच देते हुवे घसीट कर बादशाह के पास लेकर जा रहा था।
रास्ते में वो नौजवान भी मिला जो नया नया अमीर बना था और क़र्ज़ दिया था कि आप लुक़मान के बेटे है मेरे लिए बाइस ए फ़ख़्र है ये की आप मुझसे क़र्ज़ ले रहे हैं जब आपके पास हो तब आप लौटा दे, उसने जब ये हाल देखा तो दौड़ के आया और कहने लगा तुम्हे क़र्ज़ दिया था वो हराम का माल नही था जो दबा कर जा रहे हो पहले मेरा क़र्ज़ अदा करो वरना तुम्हे इसी जगह क़त्ल कर दूंगा। मामला बादशाह के दरबार में पहुंचा, बादशाह ने कहा तुम जनाबे लुक़मान के बेटे हो मुमक़िन नही है कि तुम ऐसा करोगे कुछ तो वजह होगी इसके पीछे।
जनाबे लुक़मान के बेटे ने कहा हाँ, मेरे वालिद ने तीन अहम नसीहत की थी और मैंने उन नसीहतों को आज़माने के लिए ऐसा किया है। बादशाह ने पूछा वो नसीहतें क्या थी ? जनाबे लुक़मान के बेटे ने सब बता दिया फिर कहा आप किसी को मेरे घर भेजे और कमरे से वो दफ़्न बोरी निकलवाए, उसने ऐसा ही किया जब बोरी खोली गई तो उसमें एक बकरा ज़िब्ह किया हुआ था। कर्ज़ देने वाला का पैसा एक बोरी में सही सलामत रखा था, ये देख कर तीनो शर्मिंदा हुवे। दरबार में मौजूद सभी लोगों से जनाबे लुक़मान के बेटे ने फ़रमाया देख ले ये और सबक़ हासिल करले। बीवी से अपने राज़ ना बताए, सरकारी नौकर से दोस्ती ना करें और नए नए अमीर से क़र्ज़ ना ले ये आपको ले डूबेंगे, बीवी लाख आपसे मोहब्बत करे पर गुस्से की हालत में वो आपका राज़ उगल देगी, सरकारी नौकर अपने हुक्मरान की खुशामद और चापलूसी हासिल करने के लिए आपकी ही बलि दे देगा चाहे कितनी भी अच्छी दोस्ती क्यों ना हो। नए नए बने अमीर अपनी औक़ात दिखा देंगे और इंसानियत का तकाज़ा नही करेंगे चाहे आप पर लाख मुसीबत आयी हो लिहाज़ा इन तीनो नसीहतों पर हर हाल में अमल करें।
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