मोटिवेशनल स्पीकर मोहम्मद मुज़म्मिल हैं भारत के "ड्रीम विनर"
दिन में चैन नही लेने देते रातों को सोने नही देते हैं
मंज़िल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है
पंखों से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती है
देर नही लगती ज़िन्दगी खूबसूरत बनाने में
जब आप अपने सपनो को साकार कर लेते हैं और यही लोग कहलाते हैं "ड्रीम विनर" कुछ इन्ही पंक्तियों के साथ विमोचन हुआ मोटिवेशनल स्पीकर मोहम्मद मुज़म्मिल की दूसरी नई पुस्तक "ड्रीम विनर" का
नगर के सिपाह में स्थित गोपाल जी गॉर्डन मे शेयर एंड केअर वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में जौनपुर के मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर जिन्हें लोग जौनपुरिया संदीप माहेश्वरी के नाम से जानते हैं मोहम्मद मुज़म्मिल खान की दूसरी नई पुस्तक "ड्रीम विनर" का हुआ विमोचन।
समाज सेवक,लेखक,अध्यापक, लाइफ कोच,मोटिवेशनल स्पीकर मोहम्मद मुज़म्मिल एक शख़्स नही शख़्सीयत हैं। उन्होंने अपनी नई पुस्तक में बताया है कि सपने तो सभी देखते हैं लेकिन उस सपने को साकार कैसे किया जाए उसका गुरुमंत्र अपनी इस पुस्तक में दिया है।
क़ुरआन ए कलाम ए पाक एवं सरस्वती वंदना से हुआ कायर्क्रम का शुभारंभ ,शीराज़-ए-हिन्द-जौनपुर को यूँही नही गंगा जमुनी तहज़ीब का मरकज़ कहा जाता है। यहाँ राम रहीम में भेदभाव नही होता होली ईद दीवाली सब एक समुदाय का त्यौहार नज़र आते हैं। जहाँ आरती और अज़ान दोनों साथ मे होती है। उसी गंगा जमुनी तहज़ीब को ज़िंदा रखने का कार्य कर रहे हैं मोहम्मद मुज़म्मिल।
पुस्तक का उद्देश्य
मोहम्मद मुज़म्मिल की नई पुस्तक ड्रीम विनर सपनो को साकार करने का गुरुमंत्र देती है। लेखक ने अपनी पुस्तक में जीवन जीने की कला बताई है किस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी हँसते हँसते जीवन की कठिनाइयों को पार लगाया जा सकता है, संसाधनविहीन होकर भी उच्च शिक्षा और उच्च पदों को हासिल किया जा सकता है। मोहम्मद मुज़म्मिल ने बताया किसी भी सपने को पूरा करने के लिए आपको डिग्री की आवश्यकता नही है कुछ कर गुज़रने का हौसला हो और सीखने की चाहत साथ ही माता पिता का आशीर्वाद हो और उनके दिए हुवे संस्कार तो आप दुनिया के किसी भी कोने में अपना झंडा गाड़ सकते हैं। क़ाबिलियत होनी चाहिए क़ामयाबी तो ख़ुद उसके पीछे आजायेगी। पैसे के पीछे ना भागे क्योंकि पैसे का कोई मोल नही होता, भारत का पैसा अलग है अमेरिका का पैसा अलग है हर जगह की भाषा अलग है। लेकिन संस्कार एक ऐसी चीज़ है जो पूरी दुनिया में काम आएगा जीते जी भी और मरने के बाद भी। इंसान का संस्कार ही उसे आगे बढ़ाता है। हमारा आचरण ही हमारे चरित्र को परिभाषित करता है।
भावुक कर देने वाला क्षण
कार्यक्रम में एक पल ऐसा भी आया जब सभी की आँखे नम होगयी। मोहम्मद मुज़म्मिल का वक्तव्य इतना प्रभावशाली होता है कि पत्थर में भी जान डाल दें। अगर मोहम्मद मुज़म्मिल पत्थर से भी आधा घंटा बात कर ले तो वो ख़ुद अपने आपको आकर देकर किसी शिल्पकार की मूरत बन जाएगा। इतना प्रभावशाली व्यक्तित्व है कि आप अगर मिलेंगे तो बस उनके मुरीद होजाएंगे। चेहरे पे मुस्कान दुआ ए अब्बू और अम्मी जान और जौनपुर की आन बान शान। नगर की प्रसिद्ध कोचिंग न्यू लाइट के सबसे पसंदीदा अध्यापक मोहम्मद मुज़म्मिल ने जब मंच पर अपने अम्मी अब्बू को बुलाया और बताया कि किस तरह से वो इस मुक़ाम तक पहुँचे हैं। उन्होंने बताया सेंट पैट्रिक स्कूल में बचपन में उनके अब्बू एडमिशन करवाने गए थे लेकिन किसी कारण वश एडमिशन नही हो पाया उस वक़्त उनके अब्बू की आँखों में आंसू आगए की बेटा माफ़ करना हम तुम्हे एक अच्छे स्कूल में शिक्षा नही दिला पाएं उस बात ने मोहम्मद मुज़म्मिल को अंदर तक झकझोर दिया और ठान लिया कि अब शिक्षा के क्षेत्र में काम करेंगे और एक भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नही होने देंगे।
भावुक कर देने वाला क्षण था जब मोहम्मद मुज़म्मिल के अब्बू अम्मी ने आंखों में आँसू पोछते हुवे कहा "इसे जन्म हमने दिया लेकिन समर्पित आपको और समाज को किया, ये आपका बेटा है इसका साथ दें मुझे यक़ीन है ये समाज को बदल देगा। मोहम्मद मुज़म्मिल ने अपने अब्बू अम्मी को गले लगाते हुवे कहा यही है मेरा "लाइफ टाइम लिविंग अवॉर्ड" इस अवॉर्ड से बढ़कर मेरे लिए कोई अवॉर्ड नही है। ये भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार से भी बढ़कर कर है। मेरे लिए इस पुरस्कार से बड़ा आजतक कोई पुरस्कार बना ही नही है।
मिशन रोशनी का हुआ आगाज़
मोहम्मद मुज़म्मिल के शेयर एंड केअर वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में मिशन रोशनी का आगाज़ हुआ जिसमें 2025 में दो सौ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया गया।
मोहम्मद मुज़म्मिल समाजसेवा के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। वो प्रत्येक माह नगर के एक वृद्धाश्रम में जाते हैं और समाज में उन माता पिता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं जिनके कुपुत्रों ने उन्हें घर से बेदख़ल कर दिया है। वृद्धाश्रम को अपना परिवार मानते हैं उनके साथ अपनी खुशियां मनाते हैं। ग़रीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ ही ग़रीब परिवार की आर्थिक सहायता भी करते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेंट जोसेफ़ ग्रुप ऑफ स्कूल के डाइरेक्टर माननीय नोमान खां ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम का संचालन होनहार क़ाबिल वसीम अहमद खान और डॉक्टर हर्षित गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि पूर्व सांसद माननीय धनंजय सिंह एवं एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंशु जी थे जो किसी कारणवश कार्यक्रम में उपस्थित नही हो सके उन्होंने अपनी शुभकामनाएं ठाकुर राणा सिंह द्वारा भेजी और कहा कि शेयर केअर वेलफेयर ट्रस्ट समाज में उत्कृष्ट कार्य कर रही है कभी भी किसी चीज़ की आवश्यकता होगी हम सदैव इस ट्रस्ट की सहायता के लिए खड़े रहेंगे।
सेंट जोसेफ़ ग्रुप ऑफ स्कूल के डायरेक्टर माननीय नोमान खान जी ने भी कहा हम भी इस ट्रस्ट की सहायता के लिए और ग़रीब बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए "मिशन रोशनी" की हर संभव सहायता करेंगे।
सद्भावना क्लब के पूर्व अध्यक्ष हफ़ीज़ शाह जी और वर्तमान अध्यक्ष एवं शिया इंटर कॉलेज के प्रवक्ता मोहम्मद रज़ा खान सर ने भी कहा कि वो मिशन रोशनी में शिक्षा से वंचित बच्चों को उच्च और गुणवत्तायुक्त शिक्षा दिलाने में पूरी सहायता करेंगे।
साथ ही जनपद जौनपुर के सभी प्राइवेट स्कूलों के अध्यापक "बेलाल खान,अरशद कुरैशी,अदीब कमाल, वसीम अहमद खान, विपुल तिवारी इत्यादि ने कहा है कि वो ग़रीब बच्चों को मुफ़्त कोचिंग शेयर एंड केअर वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में देंगे।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत आकाश गुप्ता,अंशी मिश्रा और शेयर एंड ट्रस्ट के लोगों ने पुष्प देकर किया।
आइये मिशन रोशनी को साकार बनाते हैं और शेयर एंड केअर वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक मोटिवेशनल स्पीकर मोहम्मद मुज़म्मिल की इस मुहीम में शामिल होकर ग़रीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलाने में सहायता करते हैं।
आदिल ज़ैदी काविश
What a amazing lone written by my brother . It means alot for me ❣️
ReplyDeleteYour content is very appropriate and nicely framed as program was well organized in social welfare
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