नशा किसी का भी हो जब सर पर चढ़ेगा तू घर को ही तोड़ेगा

नशा किसी भी प्रकार का हो ख़तरनाक होता है बात करें अगर नशे के प्रकार की तो उसमें गांजा,अफ़ीम, हेरोइन, चिल्लम, कच्ची शराब, देसी शराब, अंग्रेज़ी शराब, तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट, मुख्य है । कुछ स्थानीय नशा भी होता है कुछ आइंस्टीन की औलाद नया नया नशा ईजाद करते हैं जैसे सिगरेट की राख को चाय में घोल कर पीना आयोडेक्स को ब्रेड पर लगा कर खाना फँसाडील का सिरप पीना डाइजापाम का इंजेक्शन लगाना और भी बहुत सारे नशे करने के तरीक़े है और उनके कारोबारी है । अब बात करें अगर कैंसर की तो हर नशा अपने आप मे एक बीमारी है किसी प्रकार के नशे से आप ग्रेट खली नही बनते हैं । हर नशे की तरह जौनपुर में भी एक नशा होता है "दोहरे" का नशा जिसे जौनपुर वाले कैंसर का मुख्य कारक मानते है । जौनपुर में 3-4 दोहरा बहुत मशहूर माना जाता है शंकर, गणेश, राजू, का दोहरा उसके अतरिक्त जौनपुर में अब हर गली मोहल्ले में देखा देखी दोहरे का कारोबार फलने फूलने लगा । जिस तरह कोकाकोला बनाने की एक सीक्रेट रेसिपी होती है उसी तरह दोहरे की भी रेसिपी है जिस प्रकार बेनीराम की ईमारती कोई दूसरा नही बना सकता उसी तरह दोहरे के भी कुछ पद्धति ...