बेटा अली अकबर मार जाएगा ये ज़ईफ़ बाप तेरे जाने से , मुझे कुछ नही दिखता तेरे जाने से
अल्लज़ी खल्क़ल मौत वल हयात लि यबलुव-कुम अय्युकुम अहसनु अ-म-ला (सूरह मुल्क़ आयत 2) ' तर्जुमा : वह हर चीज़ पर क़ादिर है जिसने "मौत" और ज़िन्दगी को पैदा किया ताकि तुम्हे आज़माये कि तुम मे से काम में (नेकी की राह में ) सबसे अच्छा कौन है,और वा ग़ालिब बड़ा बख़्शने वाला है । क़ुरआन पाक़ की इस आयत पर ग़ौर करें तो अल्लाह फ़रमा रहा है उसने पहले "मौत" को पैदा किया । मतलब जब ज़िन्दगी का कोई अस्तित्व नही था तभी ये सुनिश्चित होगया था एक दिन मरना है और मरना निश्चित है इसीलिए इस आयत में ज़िन्दगी से पहले मौत का ज़िक्र आया है । जैसा कि मैंने पहले बताया था इमाम हुसैन (अ) की विलादत (जन्मदिन) पर ही आसमानी फ़रिश्ते जनाबे जिबरईल हज़रत मोहम्मद s.a.w.w. के पास आते हैं और इमाम हुसैन की शहादत की ख़बर देते हैं । किस तरह इमाम हुसैन को कर्बला में 3 दिन का भूखा प्यासा शहीद किया जाएगा कौन कौन लोग इमाम हुसैन के साथ रहेंगे क्या क्या होगा सारी बातें जनाबे जिबरईल पहले ही बता देते हैं । क़ुरआन की इस आयत और कर्बला के वाक़ये से ये तो निश्चित होगया अल्लाह ने सारी चीज़ें पहले से तय कर रखी है आप देखिए पैदाईश के ही दिन शहाद...